कथा के तीसरे दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब
अजमेर। सनातन धर्म में भव्य रूप से आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का तीसरा दिन शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आध्यात्मिक और ज्ञानवर्धक रहा। महानिर्वाणी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज ने कथा के तीसरे और चौथे स्कंध का प्रवचन सुनाया।
कथा प्रवक्ता एवं सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरू के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अजय शर्मा ने बताया कि तीसरे स्कंध में आचार्य महामंडलेश्वर जी ने आद्याशक्ति भगवती के विविध रूपों और उनकी शक्ति का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने समझाया कि भगवती की शक्ति केवल सृजन और पालन में ही नहीं, बल्कि पाप और अधर्म के नाश में भी अनंत है। चौथे स्कंध में शत्रु नाश और धर्म की स्थापना की घटनाओं को उजागर किया गया, जिसमें भक्तों को सही मार्ग और भगवान की भक्ति का महत्व समझाया गया।
भक्तों ने कथा के दौरान गहन श्रद्धा, शास्त्रीय कीर्तन, मंत्र जाप और पूजन के माध्यम से भगवती की महिमा का अनुभव किया। आचार्य महामंडलेश्वर जी ने जोर देकर कहा कि यह कथा केवल सुनने का विषय नहीं, बल्कि जीवन में उतारने का मार्गदर्शन है।
कथा प्रेम प्रकाश आश्रम, चौरसिया वास रोड, वैशाली नगर में पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मानंद और महंत साईं राजू राम जी के सानिध्य में आयोजित हो रही है। डॉ. कुलदीप शर्मा, देवेंद्र त्रिपाठी, विजय कुमार शर्मा, राजकुमार चौरसिया, ब्रजेश गौड़, प्रकाश खन्ना, टीकमदास मोरयानी, रामसिंह उदावत, महावीर कुमावत सहित अन्य ने आयोजन में सहयोग दिया।
भक्तों ने बताया कि देवी भागवत कथा सुनने से जीवन में आध्यात्मिक शांति के साथ-साथ मन, वचन और कर्म में भी सुधार होता है। आगामी दिनों में कथा का शेष भाग और भव्य रूप से आयोजित होगा, जिसमें भगवती के सर्वोच्च आद्याशक्ति स्वरूप और उनके अवतारों का विस्तृत वर्णन होगा।
पुष्पा गौड़ की भजन प्रस्तुति रविवार को-रविवार को दोपहर दो से तीन बजे तक सुप्रसिद्ध भजन गायिका पुष्पा गौड़ द्वारा सुमधुर भजन प्रस्तुत किए जाएंगे।
रविवार को पुस्तक विमोचन: हमारी संस्कृति और संस्कार-रविवार को कथा के दौरान हिंदी विदुषी रमा शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “हमारी संस्कृति और संस्कार” का विमोचन आचार्य महामंडलेश्वर जी महाराज द्वारा किया जाएगा। यह पुस्तक समाज में संस्कृति और संस्कार के महत्व को उजागर करती है और वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक संदेश देती है।
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आद्याशक्ति भगवती का सर्वोच्च स्वरूप:आचार्य महामंडलेश्वर
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